- बच्चों में अभिव्यक्ति कौशल क्षमता बढ़ाने के लिये 14 फरवरी से विशेष अभियान।
- निरीक्षण के दौरान कलक्टर ने देखा प्रतिभाओं की कोई कमी नही पर बोलने में झिझक।
डूंगरपुर : जिले में 22 दिवस पूर्व नियुक्त जिला कलेक्टर श्रीमती शुभम चौधरी ने जिले में अपनी नियुक्त के बाद से ही लगातार फिल्ड विजिट कर जिले में हो रहें विकास एवं संभावनाओं को तलाशना शुरू किया है। अपने निरीक्षण के दौरान जिला कलक्टर चौधरी ने विद्यालयों का भी लगातार निरीक्षण किया है। इस दौरान उन्होंने विद्यालयों में कक्षा-कक्षों में पहुंचकर बच्चों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से सवाल-जवाब भी किये।
उन्होंने देखा कि जिले में बच्चों में प्रतिभाओं की कोई कमी नही है परंतु जवाब देने में वे अक्सर संकोच करते है और उनमें एक झिझक है। इस अवलोकन के पश्चात जिला कलेक्टर श्रीमती शुभम जिले में बच्चों में अभिव्यक्ति कौशल क्षमता बढ़ाने के लिये नवाचार करते हुये 14 फरवरी से ‘पढ़ेगा डूंगरपुर-बोलेगा डूंगरपुर’ प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेगी।
जिला कलक्टर चौधरी ने बताया कि मैंने जिले में नियुक्ति के बाद विद्यालयों के लगातार निरीक्षण किये और बच्चों से सीधे बातचीत की। उन्होंने बताया कि इस दौरान मैंने यह महसूस किया कि बच्चों को सवाल अथवा प्रश्न पुछने पर उन्हें जवाब तो आता है, पर वे बताने से झिझकते है। उनमें एक संकोच है हांलाकि वे उसका सही उत्तर जानते है फिर भी अभिव्यक्त नही कर पातें। ऐसे में आवश्यकता है कि बच्चों में अभिव्यक्ति कौशल का पूर्ण विकास हो। उन्होंने बताया कि आज के युग में अभिव्यक्ति कौशल भी नितांत आवश्यक है। इस अभियान के माध्यम से बच्चों में जो झिझक है, उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इससे आगे जाकर केरियर, साक्षात्कार आदि में भी बच्चों को बड़ी सहायता मिल सकेंगी।
उन्होंने बताया कि ‘पढ़ेगा डूंगरपुर-बोलेगा डूंगरपुर’ अभियान के तहत विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 के बालक-बालिकाओं को पुस्तकालय, वाचनालय से अनिवार्यतः उनकी रूचि अनुसार पुस्तके इश्यु किये जाने व हर छात्र-छात्रा को दो सप्ताह में कम से कम एक बार कक्षा-कक्ष में ही उनके द्वारा पढी गई कविताओं, कहानियों आदि का सार संक्षेप या कहानी रूप में प्रस्तुत करने का अवसर देने हेतु (पुस्तक पढ़ों-अभिव्यक्त करों ) पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विशेष गतिविधि के रूप में आयोजित कराना प्रारम्भ किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस हेतु मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं पदेन जिला परियोजना समन्वयक समसा को निर्देश जारी कर जिले में बालक-बालिकाओं में पढने व अभिव्यक्ति के कौशल का श्रेष्ठ विकास करने हेतु सभी अधिकारियों को अपने पर्यवेक्षण के दौरान उक्त गतिविधि का पर्याप्त मार्गदर्शन करते हुए अवलोकन करने के निर्देश प्रदान किये गये है। साथ ही इस बात के लिये भी पाबंद किया गया है कि कक्षा के प्रत्येक बालक-बालिका को दो सप्ताह में कम से कम एक बार अभिव्यक्ति का अवसर अवश्य मिलें।
जारी निर्देशों के अनुसार इस कार्यक्रम का शुभारंभ 14 फरवरी 2022 से किया जाएगा। इस हेतु सीबीईओ, बीएलओं अपने स्तर पर प्रिंसिपलों के साथ इसी सप्ताह तैयारी हेतु बैठक रख तैयारी प्रारंभ करेंगे। जिले के सभी माध्यमिक विद्यालयों के कक्षा 6 से 8 के छात्र-छात्राओं को कहानी प्रस्तुतीकरण तैयार करने हेतु निर्देश दिये जायें। जारी निर्देशों के अनुसार प्रतिमाह जिला निष्पादन समिति की बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी प्रतिवेदन प्रस्तुत करेंगे।
अभियान के उद्देश्य एवं प्राथमिक पहल :
जिला कलक्टर शुभम चौधरी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य पठन और अभिव्यक्ति कौशल विकसित कर बच्चों का आत्मविश्वास विकसित करना है जिससे भविष्य में केरियर के दौरान उन्हें पूर्ण सहयोग मिल सकें। उन्होंने बताया कि इस हेतु सबसे पहले कुछ प्राथमिक पहल की जा रही है। इस हेतु बच्चों के आयु वर्ग के अनुरूप पुस्तकालय में पुस्तकों के क्रय हेतु बालक विकास फंड, विद्यालय विकास फंड, भामाशाह एवं अन्य स्रोत से किया जावें। पुस्तकालय में पुस्तकें ऐसे स्थान पर रखी जाएं कि छात्र-छात्राएं बेहिचक उन्हें प्राप्त कर सकें। हर विद्यालय में रजिस्टर निर्धारित फॉर्मेट में संधारित किया जाएं, जिससे हर छात्र-छात्रा का रिकॉर्ड रखा जा सके। हर छात्र-छात्रा को अनिवार्य रूप से हिस्सा लेने हेतु प्रेरित किया जाएं। छात्र-छात्राओं को संवाद के लिए प्रोत्साहित किया जाएं, जिससे उनमें आत्मविश्वास के साथ-साथ अभिव्यक्ति कौशल का विकास संभव हो सके।
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