- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सांसद कनकमल कटारा ने की भेंट।
- कटारा ने प्रधानमंत्री से स्वयं हस्तक्षेप करने और केंद्र सरकार से शत प्रतिशत धनराशि दिलवा कर डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाईन की महत्वाकांक्षी परियोजना को पुनः शुरू करवाने की मांग की।
नई दिल्ली : बांसवाड़ा-डूंगरपुर के सांसद कनकमल कटारा ने गुरूवार सांय को संसद भवन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात कर उनसे आग्रह किया कि प्रधानमंत्री स्वयं हस्तक्षेप कर और केंद्र सरकार से शत प्रतिशत धनराशि दिलवा कर दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्र में वर्षों से बंद पड़ी डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाईन की महत्वाकांक्षी परियोजना को पुनः शुरू करवायें।
उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश-राजस्थान और गुजरात की जीवन रेखा मानी जाने वाली और शिलान्यास के बाद से ही शुरू नही हो पाई इस परियोजना को प्रारम्भ करवा प्रधान मंत्री आजादी के अमृत उत्सव वर्ष में क्षेत्रवासियों को एक बड़ा तोहफा प्रदान करें ।
कटारा ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि बांसवाड़ा राजस्थान का एक मात्र ऐसा जिला है जिसके किसी भी भाग से कोई रेल लाईन नहीं गुजरती हैं और यह देश के किसी भी कोने से अभी तक रेल सुविधा से नहीं जुड़ा है । इस लाइन का मामला केंद्र और राज्य सरकार के मध्य परियोजना की आधी-आधी राशि की भागीदारी को लेकर फंसा हुआ है। लम्बे समय से इस लाईन की माँग चल रही है और अब तक किए गए काफ़ी प्रयासों के बावजूद अभी तक निराशा ही हाथ लगी है।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि इस अंचल के गरीब लोगों को मजबूरी में रोज़गार के लिए तथा व्यापार एवं उद्योगों से जुड़े लोगों को अपने काम-धंधों के लिए निकटवर्ती गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के अहमदाबाद ,इंदोर , मुम्बई और अन्य नगरों में आना-जाना पड़ता हैं और होली-दिवाली जैसे त्योहारों के दौरान तों आवागमन के समुचित साधन के अभाव में मजबूरी में निजी बसों एवं प्राइवेट टेक्सियों आदि से आने-जाने पर कई गुणा किराया देना पड़ता हैं।
सांसद ने बताया कि रतलाम (म.प्र.) से डूंगरपुर वाया बाँसवाड़ा नई ब्रॉड रेल लाईन के लिए राजस्थान-सरकार और भारत सरकार के रेल मन्त्रालय के एक मध्य एम ओ यू हुआ था और वर्ष 2010-11 के रेल बजट में इस परियोजना की घोषणा हुई थी । साथ ही परियोजना के लिए दौ सौ करोड़ रु का बजट भी आवंटन किया गया था।
उन्होंने बताया कि इस अहम परियोजना को वर्ष 2017 में पूरा होना था। शुरुआत में इसकी लागत 2082.74 करोड़ रु थी जोकि वर्ष 2016-17 में बढ़ कर 3450 करोड़ और वर्ष 2019-20 में 4262 करोड़ हो गई है।
केन्द्र और राज्य की पच्चास-पच्चास प्रतिशत भागीदारी से बनने वाली 192 किमी लम्बी इस परियोजना को पूर्ण करने के लिए राजस्थान सरकार द्वारा अपने हिस्से की राशि देने से मुकर जाने से इसका कार्य अटक गया है। परियोजना के अन्तर्गत 500 छोटे बड़े ब्रिज बनायें जायेंगे। परियोजना के लिए 175.56 हेक्टयर ज़मीन भी अधिग्रहित कर ली गई है।
सांसद कटारा ने प्रधान मंत्री को गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत अपने संसदीय क्षेत्र में दस हजार कपड़े की थेलिया और इतने ही मास्क वितरण करने की जानकारी दी और कोविड -19 के अंतर्गत किए सेवा कार्यों की पुस्तिका भी भेंट की जिसकी मोदी ने भूरी भूरी प्रशंसा की। प्रधानमंत्री ने आदिवासी क्षेत्र की जनता द्वारा इन थेलियों के उपयोग के बारे में जानकारी ली और यह जान कर खुशी जताई कि लोग इन थेलियों में अपना राशन ले कर भी जातें हैं।
प्रधानमंत्री से मुलाक़ात के समय रतलाम झाबुआ के सांसद गुमान सिंह डामौर भी मौजूद थे।
इसके पूर्व रेल मंत्रालय के अधिकारियों द्वारा सांसदों को बजट प्रावधानों की जानकारी देने के संसद भवन में आयोजित बैठक में भी सांसद कटारा ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाया।
एक टिप्पणी भेजें