डूंगरपुर जिले में एक 90 वर्ष की ऐसी बा रहती है जो इस उम्र में भी आसानी से सुई में धागा पिरो देती है, वही मरणोपरांत इनकी अपनी आंखो को दान करने की इच्छा है।
डूंगरपुर : जिले के सागवाड़ा उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बीजावाड़ा में निवास करती है 90 वर्षीय माताजी शेरे बा।
आज भी 90 वर्ष की उम्र में बा एकदम स्वस्थ है। दैनिक रोजमर्रा के कार्यों से लगाकर घर के कई कार्य वे आसानी से कर लेती है।
वही इनकी आंखे इतनी तेज है की एक युवा भी उसे देखकर आश्चर्चकित हो जाए। वर्तमान युग में जहां युवा क्या बच्चों की भी बहुत जल्दी आंखे खराब हो जाती है एवं उन्हें चश्मा लगाने की जरूरत पड़ती है, वही शेरे बा 90 वर्ष की उम्र में भी दूर खड़े व्यक्ति को आसानी से पहचान लेती है। साथ ही सुई में धागा पिरोना तो इनके बाएं हाथ का खेल सा लगता है।
शेरे बा सिर्फ 1-2 क्लास ही विद्यालय गई है, लेकिन अपने जीवन के अनुभवों एवं तेज दिमाग से वे हिंदी में लिखा आसानी से पढ़ सकती है।
अपनी तेज आंखो की वजह से शेरे बा क्षेत्र में काफी प्रसिद्ध है।
शेरे बा की दिली इच्छा है की उनकी इन तेज आंखो का उनके मरने के बाद भी उपयोग हो सके, इसलिए इन्होंने अपनी आंखो को दान करने की इच्छा जताई है।
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