दांडी यात्रा दिवस पर कांग्रेसजनो ने निकाली पद यात्रा

एक मुठ्ठी भर नमक भी इतिहास बदल देता है - भगोरा

डूँगरपुर : यदि किसी काम को लेकर निष्ठा और समर्पण हो तो कुछ मुठ्ठी भर लोग और एक मुठ्ठी भर नमक भी इतिहास बदल सकता है, यह उदगार हरियाणा राज्य पीआरओ व डूँगरपुर-बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने आज दांडी यात्रा दिवस पर डूँगरपुर में कार्यकर्ताओं को सम्बोधन में व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के नमक उत्पादन पर एकाधिकार को खत्म करने के लिए महात्मा गांधी ने दांडी मार्च का आह्मवान किया था, जिसकी शुरुआत 12 मार्च, 1930 को साबरमती आश्रम से की और 6 अप्रैल को यह यात्रा दांडी पहुंची थी। इसी दिन सुबह 6:30 बजे महात्मा गांधी ने अंग्रेजों के बनाए नमक कानून को तोड़ा था।
उन्होंने कहा कि इसी के बाद देश भर में असहयोग आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जो 1934 तक चला था। अनुसुचित जाति वित्त कॉर्पोरेशन के चेयरमैन डॉ शंकर यादव ने कहा - भारत में आंदोलन के इतिहास की जब भी बात होती है तो दांडी मार्च का नाम जरूर लिया जाता है। 
इस अवसर पर कलेक्ट्री परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर नगर में दांडी यात्रा प्रतिकात्मक रूप से निकाली गई।
इस मौके पर शार्दूल चौबीसा, मनोहरसिंह, लक्ष्मीलाल जैन(काका), मस्तुक मलिक, उमेश रावल, कारीलाल सालेड़ा, नीलेश पटेल, ब्रिनेश सोमपुरा, वैभव पाठक, एडवोकेट,पूर्व पार्षद, सिद्धार्थ मेहता, नीलेश पटेल, जिला कांग्रेस प्रवक्ता सुखदेव यादव सहित कांग्रेसजन उपस्थित थे।



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