डूँगरपुर : महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर समूचे वागड़-मेवाड़ अंचल में श्रद्धालुओं का उत्साह देखते बना। शिवालयों में दिन-भर बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए तो मेलो का आयोजन भी हुआ।
बांसवाड़ा के दत्त मदारेश्वर, परतापुर के भगोरा गांव स्थित भोगेश्वर महादेव, मुक्तेश्वर धाम गढ़ी, डूँगरपुर के भुवनेश्वर, देव सोमनाथ, कतीसोर स्थित कटकेश्वर, गोरेश्वर, हड़माला स्थित दुधेश्वर, मेवाड़ अंचल के गुप्तेश्वर महादेव सहित शिवालयों पर श्रद्धालुओं की बड़ी तादात रही।
पिछले दो वर्षों से वैश्विक महामारी कोरोना के चलते मेलो का आयोजन नही होने से श्रद्धालुजन निराश थे मगर इस वर्ष महामारी की स्थित नही होने से मेलो में जमकर खरीदारी करते मेले का आनंद लिया। चौरासी विधानसभा के चीख़ली में युवा समाजसेवी राजेश पाटीदार(चीख़ली) द्वारा श्रद्धालुओं के लिए पानी व खिचड़ी के प्रसाद की व्यवस्था कराई गई।
डूँगरपुर जिले के व्यास-आश्रम,दामडी में मंगलवार को महाशिवरात्रि पर्व ध्यान व ज्ञानपूर्वक मनाया गया। सुबह से शाम तक यहाँ भक्तों की अपार भीड़ रही। आश्रम के निर्देश के अनुसार यहाँ मर्यादित मात्रा में आक-धतूरे के फूल तथा बिल्वपत्र-गंगा जल व देशी गाय का दूध अर्पित किया गया । इस अवसर पर यज्ञ भी करवाया गया । शिव महिमा पर प्रवचन करते हुए ब्रह्मर्षिं पंडित विद्या शंकर व्यास गोर ने बताया कि शिव को महादेव कहा गया है क्योंकि सॄष्टि, स्थिति व प्रलय के तीनों प्रमुख देवताओं---ब्रह्मा,विष्णु व रूद्र के यह अधिपति हैं ।
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