सागवाड़ा : घर आंगन में चहचहाने वाली गौरैया धीरे-धीरे विलुप्त होने को है। घर-आंगनों में चहलकदमी करने वाली यह अद्भुत चिड़िया अब कहीं दिखाई नहीं देती। इसके बिना आंगन भी सूने लगते हैं। चिड़िया को बचाने या फिर जो बची हैं उन्हें संरक्षित करने के लिए कुछ लोगों ने बीड़ा उठाया हुआ है। उन्हीं में गोपाल पंचाल भी हैं।
विश्व गौरैया दिवस पर आपको मुलाकात करवाते है डूंगरपुर जिले के सागवाड़ा नगरपालिका क्षेत्र में निवास करने वाले पशु पक्षी एवं पर्यावरण प्रेमी गोपाल पंचाल से, इन्होंने गौरैया को बचाने के लिए एक नायाब तरीका खोजा है। अपने निजी खर्चे से इन्होंने 24 चिड़िया घरों का निर्माण किया है। गोपाल पंचाल ने अपने निवास गोकुल धाम में ऐसे घोंसले बनाए है जिसमें गौरैया आके रह सके। इसका मकसद मात्र इतना है कि इससे गौरैया की प्रजाति को किसी तरह बचाया जा सके।
गौरैया के लिए घर बनाने के पीछे है अनोखी कहानी
गौरैया के लिए घर बनाने की प्रेरणा इन्हे अपने मकान पर कलर करवाने के दौरान मिली, जब यह अपने घर पर कलर करवा रहे थे तब इन्होंने देखा की इनके लाइट के खानों में चिड़िया ने घोंसला बना रखा है तथा उसमे गौरैया एवं उसके छोटे छोटे बच्चे है। मजबूरनवश उन्हें लाइट निकालने के लिए उन घोंसलो को तोड़ना पड़ा, तब उनके दिमाग में आया की यहां से ये चिड़ियाएं कहां जाएगी?इसी सोच विचार में उन्होंने तय किया की वे अपने घर के पास ही इन चिड़ियाओं के लिए एक छोटा घर बनाएंगे, जहां ये चिड़िया आराम से रह सके और इस तरह उन्होंने 24 चिड़िया घरों का निर्माण किया, साथ ही इनके दाना पानी के लिए भी अलग से व्यवस्था कर रखी है। आज इन घोसलो में कई चिड़िया रहती है तथा दिनभर चहल पहल बनी रहती है।
एकता समाचार की सभी से अपील
इनसे प्रेरणा लेकर एकता समाचार भी सभी से निवेदन करता है की इस बार जिले में तापमान अत्यधिक हो गया है, जिसको देखते हुए आप भी अपने घरों के आसपास पशु पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था जरूर करे। वीडियो देखे :
एक टिप्पणी भेजें