ज़ील अस्पताल सागवाड़़ा में सड़क दुर्घटना में घायलों को मिल रहा समय पर ईलाज, कई मरीजों को मिला जीवनदान

  • ज़ील अस्पताल सागवाड़़ा में सड़क दुर्घटना में घायलों को मिल रहा समय पर ईलाज।
  • 5 हजार से अधिक सर्जरी तथा ट्रोमा के 1500 से अधिक मरीजों को जीवनदान।
  • चिरंजीवी और आरजीएसएच में हो रहा कैशलेस उपचार।
सागवाड़ा : सड़क दुर्घटना में गंभीर घायलों का उपचार अब सागवाड़ा के ज़ील अस्पताल में ही हो रहा है। ज़ील अस्पताल की सुविधाओं को देखते हुए बांसवाड़ा जीले से भी एक्सीडेंट के केस अब सागवाड़़ा के ज़ील अस्पताल में ही रेफर किये जा रहे है। इसका कारण यह है कि समय पर बेहतर ईलाज मिलना। 
    ज़ील अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. संजय बेंदाले बताते है कि वागड़ में सड़क दुर्घटनाएं आम है। आए दिन कोई न कोई सड़क हादसे में घायल हो जाता है। सड़क दुर्घटनाओं में ज्यादातर घायल सिर में चोंटे लगने से होते है। सिर में चोंट लगने और खुन निकलना कई बार गंभीर समस्या पैदा कर सकता है। समय पर उपचार नही मिलने पर ब्रेन स्टोक का खतरा बढ़ जाता है। 
न्यूरो सर्जन डॉ. संजय बेंदाले बताते है कि कई बार ऐसे केस भी आए है जिनके सिर में भी चोंट है और हाथ पैर की हड्डी भी टूट गई है। ऐसे पेशेंट को ज़ील अस्पताल में ट्रोमा केयर उपचार मिल जाता है। समय पर घायल की सर्जरी होने से उसे बचा लिया जाता है। पहले घायल को रेफर किया जाता था वहीं अब ज़ील अस्पताल में ही इसका समय पर उपचार हो रहा है। ज़ील अस्पताल के विशेषज्ञ सर्जन ज़ील अस्पताल में अब तक 5 हजार से अधिक सर्जरी कर चुके है। अकस्मात और ट्रोमा के 1500 से अधिक मरीजों को जीवनदान यहां के डाक्टरों ने दिया है। 
     डॉ. बेंदाले बताते है कि न्यूरो उपचार सीधे तौर पर मस्तिष्क से संबंधित होता है। जिसके संकेतों को समझकर शरीर के अन्य अंग कार्य करते हैं। जटिल समझी जाने वाली न्यूरो सर्जरी ज़ील अस्पताल में की जा रही है। दुर्घटनाओं में घायल लोगों के उपचार में न्यूरो सर्जरी व उपचार की अहम भूमिका होती है। कंप्यूटर गाइडेड इंट्रा आपरेटिव टेक्नोलाजी, सर्जिकल माइक्रोस्कोप्स, लेजर, 3 डी, फ्लूरोस्कोपी इमेजिंग, एंडोस्कोप्स जैसे अत्याधुनिक यंत्रों के प्रयोग से जटिल से जटिल न्यूरो सर्जरी की जा रही है।
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