लगातार 12 घण्टे तक तबला बजाने वाले भारत के पहले नेत्रहीन छात्र डूंगरपुर जिले के कुलदीप जोशी से एक खास मुलाकात

Dungarpur : भगवान कुछ छीन लेता है तो उसका दुगुना दे भी देता है, उसका ही एक उदाहरण डुंगरपुर जिले में देखने को मिला। जिले के कुलदीप जोशी को दिव्यांग है मगर इनमें जो खुबिया है वो आप के सामने पेश है।
जिले के कुलदीप जोशी 12 घंटे तक लगातार तबला बजाने वाले भारत के पहले नेत्रहीन छात्र हैं। वर्तमान में कुलदीप जोशी ने रीट लेवल 1 में सलेक्ट होकर एक बार फिर वागड़ का नाम रोशन किया है।
कुलदीप जोशी राजस्थान राज्य के डूंगरपुर जिले में स्थित पादरड़ी बड़ी गांव के मूल निवासी हैं । आठ साल की उम्र में उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। उनके पिता मानशंकर जोशी एक शारीरिक शिक्षा शिक्षक हैं और उनकी माँ शारदा देवी एक गृहिणी हैं। मध्यम परिवार में जन्मे कुलदीप जोशी ने तमाम मुश्किलों को पर करते हुए 12वीं तक अहमदाबाद में अपनी पढ़ाई पूरी की, उसके बाद उच्च अध्ययन हेतु उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय से अपनी संगीत की पढ़ाई पूर्ण की। 
   जगद्गुरु रामभद्राचार्य विकलांग विश्वविद्यालय से ही इन्होंने शिक्षक गोपाल मिश्रा के सानिध्य में तबला सिखा। इसी दौरान पढ़ाई के दौरान कुलदीप जोशी ने शिक्षक गोपाल मिश्रा तथा मित्र भगवान दीन के सहयोग से वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया। कुलदीप ने विद्यालय के सभागार में सुबह 5 बजे से तबला वादन तथा सोलो सॉन्ग का प्रदर्शन किया, जो शाम 5 बजे तक लगातार 12 घंटे तक चला। कुलदीप जोशी 12 घंटे तक लगातार तबला बजाने वाले भारत के पहले नेत्रहीन छात्र हैं। इस प्रकार वागड़ के नेत्रहीन दिव्यांग ने लगातार 12 घंटे तबला बजाकर क्षेत्र का नाम रोशन किया। इसके साथ ही वर्तमान में रीट 2021 लेवल 1 में भी सेलेक्ट होकर कुलदीप जोशी ने एक बार फिर वागड़ का नाम रोशन किया है।
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