8 वर्षीय खदीजा ने रखे रमज़ान माह के पूरे 30 रोज़े, बच्ची के हौसले को हर कोई कर रहा है सलाम

नंदूरबार (महाराष्ट्र) : मुस्लिम समुदाय का पवित्र माह रमज़ान मुबारक सबको अलविदा कह रहा है। इस पवित्र माह में मुस्लिम भाई बहन ने अपने रब को राजी करने तथा उसकी रहमत पाने के लिए रोज़े रखे। इस तपती गर्मी में जिससे जैसा बन सका उसने वैसा किया। किसी ने 1 रोज़ा रखा तो किसी ने महीने के पूरे तीस रोज़े रखे। इन सबमें बच्चे भी पीछे नहीं रहे। किसी ने अपनी जिंदगी का पहला रोज़ा रखकर अल्लाह की इबादत की तो किसी ने 5 या 10।
इन सबमें में महाराष्ट्र के नंदूरबार की 8 वर्षीय खदीजा पिता इरफान काकर ने पूरे 30 रोज़े रखकर सभी को हैरानी में डाल दिया। इस बच्ची का हौसला काबिले तारीफ है, जिसकी क्षेत्र में काफी चर्चा हो रही है तथा हर कोई उसके हौसले को सलाम कर रहा है। 15 घंटे तक तपती गर्मी में खदीजा ने भूखे प्यासे रहते हुए इस्लाम के फर्ज को पूरा कर संयम व धर्म का पालन किया।
पिता इरफान काकर ने बताया कि गर्मी को देखते हुए बच्ची से रोजा रखने को मना किया गया था, लेकिन उसने एक न मानी, वही रोजेदार बच्ची ने बताया कि रमजान में पूरे तीस रोजे रखकर उसे बहुत अच्छा लगा।
रमजान के माह में एक नेकी के बदले 70 नेकियों का सवाब मिलता है. रहमतों और बरकतों के इन दिनों में रोजेदार सिर्फ खुदा के लिए अपनी शिद्दत ही नही बल्कि इंसानियत के लिए अपनी चाहत भी परखते है. इबादत की इस कतार में नन्हें रोजेदार भी शामिल हुए है। इस गर्मी के मौसम में रोजा पन्द्रह घण्टे से अधिक रहा है।

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