गायों के लिए समर्पित अस्पताल, जहाँ सेवा में लगे हैं सैकड़ों हाथ – नागौर का गौरवशाली गौ चिकित्सालय!
राजस्थान के नागौर जिले में स्थित एक अद्भुत गौ चिकित्सालय का दृश्य देखकर हर किसी का मन श्रद्धा से भर उठता है। यह गौ अस्पताल राजस्थान के बीकानेर से उदयपुर जाने के रास्ते पर, नागौर-जोधपुर सड़क (एनएच 65) पर स्थित है। खास बात यह है कि यह अस्पताल न केवल मुफ्त इलाज करता है, बल्कि यह पूरी तरह से स्वामी कुशालगिरी जी महाराज की देखरेख में बिना सरकारी सहायता के, दानदाताओं के सहयोग और स्वामी जी द्वारा विभिन्न स्थानों पर किए गए प्रवचनों से मिले चढ़ावे के माध्यम से चलता है।
अस्पताल की सेवाओं को देखकर यात्रियों का ध्यान अनायास ही इस ओर आकर्षित होता है। यहां पहुंचते ही सेवादार हरे रंग की ड्रेस में चाय और पानी से स्वागत करते हैं। यह सेवा बिना किसी दबाव के उपलब्ध कराई जाती है, और दान देना पूर्णतः आपकी इच्छा पर निर्भर करता है। यहां एक अत्यंत व्यवस्थित आधुनिक ऑपरेशन थियेटर है, जहां विभिन्न प्रकार की शल्य चिकित्सा के साथ-साथ गम्भीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। 300 किलोमीटर के दायरे से बीमार और घायल गोवंश को अस्पताल में लाने के लिए 21 एम्बुलेंस सेवा में तैनात हैं। इस अस्पताल का मकसद केवल गौ सेवा है, जो अपने आप में एक प्रेरणादायक मिसाल है।खास बात यह है कि यहां से इलाज कराने आए गोवंश को स्वस्थ होने के बाद वापस उसी स्थान पर छोड़ दिया जाता है, जहां से उसे लाया गया था। यदि कोई व्यक्ति अपनी निजी बीमार गाय का इलाज करवाने लाता है, तो स्वस्थ गाय को उसके बदले में वापस दिया जाता है। यहां पर कैंसर से पीड़ित, घायल और अन्य बीमारियों से ग्रसित गायों और सांडों का इलाज किया जाता है। स्वच्छता का भी विशेष ध्यान रखा गया है; अस्पताल परिसर में गंदगी का नामोनिशान नहीं है, और हर ओर स्वच्छता और साफ-सफाई देखने को मिलती है।अस्पताल का रोज का खर्च लगभग सवा चार लाख रुपए है। यहां हर महीने 9 लाख रुपए दवाइयों पर और 9 लाख रुपए पोषक आहार पर खर्च होते हैं। एम्बुलेंस सेवा का खर्च भी हर महीने 5 लाख के करीब है। यहां कई ऐसी गायें और सांड हैं, जो तेजाब या बंदूक के छर्रों से घायल हैं। कुछ प्लास्टिक खाकर बीमार हो गए थे, जिनका ऑपरेशन किया गया। इसके अलावा, यहां कछुआ, कबूतर, चील, हिरण और लवबर्ड जैसे वन्य जीवों का भी उपचार किया जाता है, जिनके लिए अलग-अलग जालीदार घर बनाए गए हैं। इनकी देखभाल के लिए विशेष टीम चौबीस घंटे तैनात रहती है।
नागौर का यह गौ चिकित्सालय वास्तव में सेवा का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यहां का माहौल ऐसा है कि हर कोई इसे देखकर प्रेरित हो उठता है और गौ सेवा के प्रति उनके मन में विशेष श्रद्धा जाग्रत होती है। ऐसे में यदि गौ माता के प्रति सच्ची श्रद्धा है और सेवा की इच्छा है, तो इस अद्भुत अस्पताल का दौरा अवश्य करना चाहिए।
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