- भिलुडा गांव में बहन ने ही दी बहन को विदाई, बहन ने निभाया एक भाई का फर्ज।
डूंगरपुर : बांसवाड़ा-डूंगरपुर जिले में एक परम्परा है कि जब लड़की की शादी होती है तो उसका भाई बहन को सात फेरों के वक्त सप्त धान को एक पात्र में रखकर हर फेरे में वह धान हस्त मिलाप के बंधन पर रखकर उसे धरती को समर्पित करते हैं, जिसके पीछे भाव यह है कि भाई इन सप्त धान को देते हुए अपने घर से दूसरे घर की खुशहाली के लिए विदा करता है। और यह रस्म भाई द्वारा निभाई जाती है। मगर बेटियां भी हर वो रस्म अब निभाने लगी है, जो बेटे द्वारा निभाई जाती है।
ऐसा ही दृश्य भीलूड़ा गांव में देखने मिला। भीलूड़ा निवासी शिक्षक धर्मेन्द्र पंडया एवं पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिता पंडया के दो पुत्रिया ही है, ऐसे में आज जब बड़ी बेटी प्रेयांशी के शुभ विवाह के अवसर पर भाई नही होने पर, भाई की सभी रस्मो का निर्वहन उनकी छोटी बेटी श्रेयांशी ने किया तथा अपनी बहन को विदाई दी।
इस अवसर पर मेहमानों के साथ ही सांसद कनकमल कटारा, पूर्व जिला प्रमुख माधवलाल वरहात, भाजपा नेता हरीश पाटीदार, सुरेश फलोजिया आदि भी मौजूद रहे।
एक टिप्पणी भेजें