- डूंगरपुर जिला कलेक्टर श्रीमती शुभम चौधरी हुई मीडिया से रूबरू।
- जिला कलेक्टर ने बताएं अभियान के उद्देश्य एवं लक्ष्य, मीडिया से किए सुझाव आमंत्रित।
- बच्चों में अभिव्यक्ति कौशल क्षमता बढ़ाने के लिये 14 फरवरी से विशेष अभियान।
डूंगरपुर : जिला कलक्टर श्रीमती शुभम चौधरी जिले के बच्चों में अभिव्यक्ति कौशल का विकास करने के लिए 14 फरवरी से शुरू किए जाने वाले विशेष अभियान 'बुलंदी -पढ़ेगा डूंगरपुर - बोलेगा डूंगरपुर' के संदर्भ में सोमवार को मीडिया से रूबरू हुई।
मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए उन्होंने इस अभियान के उद्देश्य एवं निर्धारित लक्ष्य के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। इसके साथ ही मीडिया कर्मियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए उन्होंने अभियान के क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों, क्रियान्वयन का संधारण, मॉनिटरिंग सिस्टम आदि के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने मीडिया कर्मियों से भी सुझाव आमंत्रित किए। इस पर मीडिया कर्मियों ने भी मुखरता के साथ महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
मीडिया कर्मियों द्वारा किए गए प्रश्न:-
प्रश्न 1 : इस अभियान का विचार आपके जेहन में कैसे आया?
उत्तर : अपने स्वयं के अनुभव एवं सिविल सेवा में नियुक्ति के पश्चात विभिन्न क्षेत्रों में नियुक्ति के दौरान तथा जिले में नियुक्ति के पश्चात किए गए विभिन्न विद्यालयों में निरीक्षण के दौरान मैंने यह महसूस किया कि जब बच्चों को कोई प्रश्न अथवा सवाल पूछा जाता है तो, वह उसका जवाब बताने में संकोच करते है यद्यपि अधिकतर बच्चों को उनका जवाब मालूम होता है पर एक झिझक और संकोच के कारण व्यक्त नहीं कर पाते हैं और मुझे लगा कि यह झिझक और संकोच दूर करना बहुत आवश्यक है, क्योंकि आज के युग में अभिव्यक्ति कौशल विकसित होना बहुत जरूरी है।
प्रश्न 2 : इस अभियान का मूल उद्देश्य क्या है?
उत्तर : अभियान का मूल उद्देश्य बच्चों में झिझक और संकोच को दूर करते हुए उनमें अभिव्यक्ति कौशल विकसित करने के साथ-साथ पठन, वाचन एवं आत्मविश्वास को विकसित करना है।
प्रश्न 3 : अभियान का क्रियान्वयन किस तरह से किया जाएगा?
उत्तर : अभियान के प्रारंभिक चरण में हमने एक लक्ष्य समूह निर्धारित किया है, जिसमें कक्षा छठी से कक्षा आठवीं तक के बच्चों का लक्षित समूह लिया गया है । इसमें विद्यालयों में कक्षा 6 से 8 के बालक-बालिकाओं को पुस्तकालय, वाचनालय से अनिवार्यतः उनकी रूचि अनुसार पुस्तकंे इश्यु किये जाने व हर छात्र-छात्रा को दो सप्ताह में कम से कम एक बार कक्षा-कक्ष में ही उनके द्वारा पढी गई कविताओं, कहानियों आदि का सार संक्षेप या कहानी रूप में प्रस्तुत करने का अवसर देने हेतु (पुस्तक पढ़ों-अभिव्यक्त करों ) पायलट प्रोजेक्ट के रूप में विशेष गतिविधि के रूप में आयोजित कराना प्रारम्भ किया जाएगा। इसके पश्चात उन बच्चों में श्रेष्ठ प्रतिभागी को विद्यालय स्तर पर पुरस्कृत किया जाएगा। लगातार एवं निरंतरता के बाद ब्लॉक स्तर से चयनित बच्चों को जिला स्तर पर अवसर प्रदान किया जाएगा ।विद्यालय स्तर पर लगातार अच्छे प्रदर्शन करने वाले बच्चों को विद्यालय के डिस्प्ले बोर्ड पर फोटो के साथ रोल मॉडल के रूप में प्रेरक के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।
इसके साथ ही प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए प्रत्येक विद्यालय में निर्धारित प्रारूप में दस्तावेज का संधारण किया जाएगा तथा निर्धारित फॉर्मेट में गोशवारा बनाते हुए, कितने बच्चों को पुस्तकें वितरित हुई, कितने बच्चों ने भाग लिया, कितने बच्चों में अभिव्यक्ति कौशल विकसित हुआ, बच्चों को प्रेरित करने के लिए क्या प्रयास किए गए आदि सभी को जिला निष्पादन समिति के माध्यम से प्रतिमाह होने वाली बैठकों में समीक्षा की जाएगी। इसके साथ ही शिक्षा अधिकारियों के द्वारा समय-समय पर इस हेतु निरीक्षण भी किया जाएगा।
प्रश्न 4 : क्या इस योजना में आगे लक्षित समूह को बढ़ाया जाएगा।
उत्तर : बिल्कुल , अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है तथा विभिन्न चरणों में इसमें प्राथमिक एवं उच्च माध्यमिक स्तर को भी सम्मिलित किया जाएगा।
प्रश्न 5 : इस अभियान की सफलता के लिए क्या प्रयास किए जाएंगे?
उत्तर : अभियान की सफलता में शिक्षकों के साथ-साथ अभिभावकों का सहयोग भी अपेक्षित है। शिक्षकों के साथ साथ अभिभावकों को भी अपने बच्चों को प्रेरित करना होगा तथा समय-समय पर उन्हें प्रोत्साहित भी करना होगा। इस अभियान को जिला स्तर के साथ-साथ प्रत्येक ब्लॉक स्तर पर भी शुरू किया जा रहा है।
प्रयास से रूबरू होने के दौरान जिला कलक्टर श्रीमती शुभम चौधरी ने मीडिया कर्मियों से भी सुझाव आमंत्रित किए। इस पर मीडिया कर्मियों ने अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाले विद्यालय एवं शिक्षक को भी प्रोत्साहित करने का सुझाव दिया।
ज्ञातव्य है कि माह जनवरी 2022 से डूंगरपुर जिले में अपनी नियुक्त के बाद से ही जिला कलेक्टर श्रीमती शुभम चौधरी ने लगातार फिल्ड विजिट कर जिले में हो रहें विकास एवं संभावनाओं को तलाशना शुरू किया है निरीक्षणों के दौरान जिला कलक्टर चौधरी ने विद्यालयों का भी लगातार निरीक्षण किया तथा विद्यालयों में कक्षा-कक्षों में पहुंचकर बच्चों से सीधा संवाद किया। इस दौरान उन्होंने बच्चों से सवाल-जवाब भी किये। उन्होंने देखा कि जिले में बच्चों में प्रतिभाओं की कोई कमी नही है परंतु जवाब देने में वे अक्सर संकोच करते है और उनमें एक झिझक है। इस अवलोकन के पश्चात जिला कलक्टर श्रीमती शुभम जिले में बच्चों में अभिव्यक्ति कौशल क्षमता बढ़ाने के लिये नवाचार करते हुये 14 फरवरी से ‘पढ़ेगा डूंगरपुर-बोलेगा डूंगरपुर’ प्रोजेक्ट का शुभारंभ करेगी।
अभियान के उद्देश्य एवं प्राथमिक पहल :
जिला कलक्टर शुभम चौधरी ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य पठन और अभिव्यक्ति कौशल विकसित कर बच्चों का आत्मविश्वास विकसित करना है , जिससे भविष्य में केरियर के दौरान उन्हें पूर्ण सहयोग मिल सकें। उन्होंने बताया कि इस हेतु सबसे पहले कुछ प्राथमिक पहल की जा रही है इस हेतु बच्चों के आयु वर्ग के अनुरूप पुस्तकालय में पुस्तकों के क्रय हेतु बालक विकास फंड, विद्यालय विकास फंड, भामाशाह एवं अन्य स्रोत से किया जावें। पुस्तकालय में पुस्तकें ऐसे स्थान पर रखी जाएं कि छात्र-छात्राएं बेहिचक उन्हें प्राप्त कर सकें। हर विद्यालय में रजिस्टर निर्धारित फॉर्मेट में संधारित किया जाएं, जिससे हर छात्र-छात्रा का रिकॉर्ड रखा जा सकं।े हर छात्र-छात्रा को अनिवार्य रूप से हिस्सा लेने हेतु प्रेरित किया जाएं। छात्र-छात्राओं को संवाद के लिए प्रोत्साहित किया जाएं, जिससे उनमें आत्मविश्वास के साथ-साथ अभिव्यक्ति कौशल का विकास संभव हो सकें।
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