राजस्थान आदिवासी महासमिति द्वारा सामाजिक मंथन शिविर का आयोजन किया गया

Dungarpur : राजस्थान आदिवासी महा समिति द्वारा आदिवासी छात्रावास डूंगरपुर में सामाजिक मंथन शिविर का आयोजन किया गया।
    शिविर की अध्यक्षता एडवोकेट सुंदरलाल परमार बार एसोसिएशन अध्यक्ष डुंगरपुर एवं राजस्थान आदिवासी महासमिति प्रदेश अध्यक्ष ने की। मुख्य अतिथि चौरासी विधायक राजकुमार रोत एवं विशिष्ट अतिथि सागवाड़ा विधायक रामप्रसाद डेन्डोर, देवाराम रोत प्रधान बिछीवाड़ा, किशन गिरी महाराज सुराता, कांतिभाई आदिवासी, गटुलाल डेंडोर, ईश्वर लाल कटारा, विजयपाल रोत गमेती, राजमल रोत, एच एच खराड़ी, लिलाराम सरपंच संघ जिलाअध्यक्ष रहे।
मंथन शिविर में निम्न मुख्य मुद्दों पर चर्चा की गई  
  • युवा व युवतियां द्वारा आत्महत्या के घृणित मामले बढ़ रहे हैं इस पर गहन मंथन।
  • क्षेत्र में एक्सीडेंट मामले आए दिन बढ़ रहे हैं इस पर मंथन।
  • थानों एवं महिलाओं में विवाद विच्छेद के प्रकरणों का निस्तारण केसे हो इसका मंचन। 
  • डी जे बाजे से समाज पर पड़ने वाले बुरे असर का निराकरण क्या हो उस पर गहन विचार। 
  • राजनीतिक धार्मिक सामाजिक पारिवारिक बिंदुओं पर विचार मंथन किया।
शिविर में समाज के सभी पालों के प्रतिनिधि एवं जिले के सभी सरपंच, एसोसिएशन, ब्लॉक अध्यक्ष, जिले के सभी प्रधान, सरपंच एवं समाज के संगठनों के प्रतिनिधि, आदिवासी महा समिति के सभी ब्लॉक अध्यक्ष, जिला, संभाग व प्रदेश कार्यकारिणी के पदाधिकारी एवं भगत मेट कोतवाल मौजूद रहे।
 
डीजे पर पाबंदी लगाने का लिया निर्णय
शिविर में सभी वक्ताओ ने डी जे पर संपूर्ण पाबंदी लगाने का निर्णय लिया एवं वार्ड पंच, सरपंच, समाजसेवी व अन्य ने समिति गठन कर अभियान के रूप में डीजे बंद कराने का निर्णय लिया। 
प्राकृतिक चीजों की बताई महत्वता 
शिविर में बताया गया की प्रकृति निर्मित चीजें फायदा देती है, जबकि मानव निर्मित चीजे दो धारी तलवार की तरह होती है फायदा और नुकसान दोनों देती है। इन बातों को समाज जनों को समझाने की जरूरत है।

एक्सीडेंट रोकने में पेट्रोल पंप भी निभा सकता है अहम भूमिका
शिविर में एक्सीडेंट रोकने के लिए पेट्रोल पंप को लिखित में समाज की ओर से देने की जरूरत बताई, जिसमें बिना हेलमेट वालो को पेट्रोल ना दें एवं बिना लाइसेंस पेट्रोल ना दे तो कुछ हद तक समस्या का समाधान हो सकता है ।

विवाह विच्छेद हेतु आदिवासी समाज को दे अधिकार 
विवाह विच्छेद के लिए आदिवासी समाज की संस्थाओं के प्रतिनिधियों को अधिकार दिया जाए। उनके द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाने का नियम बनाए तो द्वेषता के कारण विवाह विच्छेद हो रहे हैं वह कम व बंद हो सकते हैं। 

आत्महत्या होने के कारण पर बहुत ही अच्छा मंथन किया
युवा पीढ़ी को परिवार का भय डर नहीं है, बच्चों को मां बाप से डर नहीं होता है पर परिवार वालों से होता है। मगर परिवार वाले दूसरे बच्चों पर या परिवार के बच्चों को समझने व समझाने का प्रयास करें। परीवार से डर नहीं होने से आत्महत्या के कगार पर पहुंचते हैं।
इस कार्यक्रम में समाज के सभी प्रतिनिधियों ने बार एसोसिएशन के नव मनोनीत अध्यक्ष एडवोकेट सुंदर लाल परमार का फूल माला और साफा बंधा कर हार्दिक स्वागत किया। तथा इनके द्वारा समाज को एक जाजम पर लाने का प्रयास किया इसके लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
   शिविर की अध्यक्षता करते हुए सुंदर परमार ने कहा कि 25 मई को उदयपुर जिले में आदिवासी महा समिति का स्थापना दिवस आयोजित किया जा रहा है जो प्रदेश स्तर का है, जिसमें अधिक से अधिक संख्या में पधारने का आह्वान किया।
    इस कार्यक्रम में बंशी लाल कलासुआ, दशरथ बरंडा, रतनलाल कोटेड, भरतलाल डेंडोर, पोपटलाल खोखरीया, अरविंद रोत, सत्यपाल रोत, प्रेमचंद भगोरा, रुपलाल झाकरी, बापू लाल रोत, थावरचंद कटारा, रुपलाल, अमृतलाल, रूपलाल डोडा, प्रभुलाल रोत, कान्तिलाल रोत, आशुतोष रोत एवं कई सरपंच मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन बसंतलाल ननोमा ने किया आभार विजयपाल रोत ने माना।

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