- सागवाड़ा उपप्रधान नरेश पाटीदार ने की पत्रकार वार्ता।
- उपप्रधान ने सागवाडा के तत्कालीन विकास अधिकारी और लेखाकार पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के गंभीर आरोप लगाए।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही जांच को रुकवा कर भ्रष्टा अधिकारियों और मटेरियल सप्लायरों को बचाने का आरोप।
सागवाड़ा : सागवाड़ा पंचायत समिति के उप प्रधान नरेश पाटीदार ने पत्रकार वार्ता कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही जांच को रुकवा कर भ्रष्टा अधिकारियों और मटेरियल सप्लायरों को बचाने का आरोप लगाया है। रविवार को सागवाड़ा पंचायत समिति के उप प्रधान नरेश पाटीदार ने पत्रकार वार्ता कर आरोप लागया कि सागवाड़ा पंचायत समिति की 38 ग्राम पंचायतों में निविदा में तय दरो को ताक में रख कर बीएसआर दर से सामग्री खरीद कर करोड़ो रूपये का राजस्व नुकसान किया है । पाटीदार ने बताया कि सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी उसमें ये खुलासा हुआ है । इस सारे मामले को लेकर जब सागवाडा प्रधान, जिलाप्रमुख से लेकर पंचायतराज के ब्लॉक और जिला अधिकारियों को अवगत कराया लेकिन किसी ने इस मामले में कोई सुनवाई नही हुई जिसपर मजबूरन पंचायतीराज मंत्री का दरवाजा खट खटाना पडा। उप प्रधान ने सागवाडा के तत्कालीन विकास अधिकारी और तक लेखाकार पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने के गंभीर आरोप लगाए हैं।
सागवाडा के सरपंच जयपुर में मुख्यमंत्री और पंचायतराज मंत्री से मिल रहे हैं और नरेगा के तहत ठेकेदारों को भुगतान की माँग की जा रही है। पंचायत समिति सागवाडा की ग्राम पंचायतों में पिछले सालों में नरेगा के तहत पक्के काम हुए। इन कामों में जो अनियमितताएं हुई है उसी को लेकर पंचायतराज मंत्री को शिकायत की थी।
मेरी लड़ाई भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़
मेरी लड़ाई पंचायतराज में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ है।कांग्रेस का उप प्रधान होने के नाते मुझे उम्मीद थी कि हमारे नेताओं का भी मुझे साथ मिलेगा लेकिन दुर्भाग्य ऐसा हो नहीं रहा। प्रधान ईश्वर सरपोटाभी भ्रष्टाचार को रोकने के बजाए ठेकेदारों की तरफ़दारी कर रहे हैं। मेरी यह लड़ाई किसी व्यक्ति के विरुद्ध नहीं बल्कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध है। नरेगा के तहत हुए पक्के और कच्चे कामों में श्रमिकों का भुगतान हो गया है। कुछ तथाकथित ठेकेदार जिन्होने पंचायत में भ्रष्टाचार मचा रखा है ऐसे ठेकेदारों के भुगतान को लेकर यह सब जयपुर तक दौड़ लगा रहे हैं। कहीं जन प्रतिनिधिजन प्रतिनिधि अपने रिश्तेदारों के नाम पे बिल उठा रहे हैं तो कहीं JTA के रिश्तेदार ठेकेदारी कर रहे हैं तो कहीं किसी व्यक्ति की आड़ में कोई बड़े ठेकेदार पंचायतों में भ्रष्टाचार का खेल खेल रहे हैं। मैंने तो सिर्फ़ जाँच की माँग की है, जाँच हो जाने दीजिए। सब कुछ सामने आ जाएगा। कुछ चंद ठेकेदारों के बिल पास कराने के लिए ये जो सब लोग जयपुर तक दौड़ लगा रहे हैं उनके भी चेहरे सामने आ जाएगा।
शिकायत के बाद हो रही जाँच
गाँवों कुछ ऐसे काम थे जो व स्वीकृत भी नहीं है और मौक़े पर काम हो गए हैं, कुछ काम नरेगा के क्षएक्शन प्लान थे लेकिन उसकी स्वीकृति आनी बाक़ी थी लेकिन मौक़े पर काम हो गए हैं कुछ काम ऐसे भी हैं जो मौक़े पर घटिया निर्माण किया गया है।कहीं कहीं नरेगा के तहत बनी सड़क तीन माह में उखड़ गई। ऐसी तमाम मामलों को लेकर मैंने पंचायत राज मंत्री से शिकायत कर जांच की मांग की थी।
ओड, कोकापुर, काहेला सहित 38 ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायत
उप प्रधान ने पंचायत समिति क़रीब 38 ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायत की है। इन शिकायतों में ग्राम पंचायत ओड में तो उप सरपंच द्वारा ही भुगतान उठाने का मामला सामने आया है। पंचायत समिति की छाणी, कोकापुर, गड़ा झुमरी, नंदौड़, ओड, पीपलागूंज, वग़ैरा, और नरसिंहपुर सहित कई ग्राम पंचायतों में भ्रष्टाचार की शिकायत पंचायतराज मंत्री से की गई है।
इसे भी पढ़ें :
एक टिप्पणी भेजें