- वागड़ में सामाजिक सरोकारों एवं समरसता की आदर्श,अनूठी और अनुकरणीय पहल।
- गड़ा मेड़तिया की आदिवासी बेटी का अमेरिका निवासी अप्रवासी भारतीय अशोक भट्ट ने जसेला गाँव में किया कन्यादान।
जसेला/रामसौर (डूंगरपुर) : डूंगरपुर जिले में आज एक शादी चर्चा का विषय बनी रही, क्योंकि ये कोई आम शादी नही थी। जिले में हो रही ये एक शाही शादी थी, जिसे अमेरिका के प्रवासी भारतीय अशोक भट्ट करवा रहे है। इस शाही शादी में शामिल होने के लिए मेहमान सिर्फ भारत से ही नही, बल्कि विदेशों से भी पधारे है।
डूंगरपुर जिले की पंचायत समिति गलियाकोट स्थित छोटे से गांव गड़ा मेड़तिया में होने वाला ये शाही विवाह समाज में अनुकरणीय संदेश दे रहा है। जसेला के मूल निवासी अप्रवासी भारतीय और केलिफोर्निया (अमरीका ) के पूर्व वॉटर कमिश्नर अशोक भट्ट ने वागड़ अंचल में सामाजिक सरोकारों और समरसता की एक ऐसी मिसाल पेश की है जिसे सुन कर और देखकर हर कोई अचंभित हो रहा है। अमेरिका के अशोक भट्ट ने अपने पैतृक गांव जसेला के समीप गडामेडतिया की गरीब आदिवासी बेटी संगीता राणा को गोद लेकर उसकी शादी का पूरा खर्चा वहन करते हुए उसका आदिवासी और आधुनिक सामाजिक रीतिरिवाजों और रस्मों के साथ कन्यादान किया है। भट्ट के इस मानवीयता और इंसानियत से भरे कार्य की चंहुओर और सर्व समाजों में प्रशंसा हो रही है।
भट्ट द्वारा अपनी मां को किया वादा निभाते हुए आदिवासी परिवार की कन्या संगीता का विवाह पूरी आदिवासी परंपरा अनुसार कराया गया। इस शादी की खास बात यह रही की पूरी शादी शाही तरीके से कराई गई, दुल्हन के मेकअप से लगाकर उसकी शादी तक सब कुछ शाही तरीके से हुआ। अशोक भट्ट पिछलें चालीस वर्षों से अमेरिका में ही रह रहे है तथा उनके पिता गौरीशंकर भट्ट एवं माता बाँ बनारसी देवी अपने पैतृक गांव जसेला में रहते थे। तभी से उनके माता पिता के काम मे हाथ बटाने के साथ साथ बचपन से ही संगीता उनके परिवार का हिस्सा बनकर उनके परिवार में रहती थी। संगीता को बेटी की तरह ही रखकर उसकी शिक्षा दीक्षा पूरी करवाई । तभी से उनकी इच्छा एवं सपना था की वह इसका कन्यादान भी रीतिरिवाजों के साथ स्वयं करवाएं। इसी सपने को पूरा करने के लिए भट्ट अमेरिका से स्वेदश लौटकर पूरे सामाजिक रीति रिवाजों से संगीता की शादी शाही ढंग से की और उसका खर्च स्वयं वहन कर उसके हाथ पीले किए और मुकेश कटारा के साथ उसका विवाह कराया।
सविता देवी और मोहनलाल की सुपुत्री तीस वर्ष की संगीता राणा का विवाह पलसाऊ गाँव के लक्ष्मी देवी और अर्जुन कटारा के पुत्र मुकेश कटारा के साथ आज डूंगरपुर जिले के सागवाडा कस्बे से बीस किमी दूर जसेला गाँव में हुआ जहाँ कन्यादान और मामेरा की रस्म अदायगी अशोक भट्ट स्वयं ने की। अशोक भट्ट द्वारा संगीता की शादी को भव्य शाही शादी में बदलने के हर उपाय किए गए है, शादी में आदिवासियों के परंपरागत वाध्य यन्त्रों और कई प्रकार के बेंड बाजों और लाव लश्कर जुटाए गए है, साथ ही गाँव में उसका घोड़ी पर बिनोला जुलूस निकालने और पलसाऊ गाँव से आने वाली बारात का गर्म जोशी से स्वागत किया गया। विवाह समारोह में मेवाड़ भील कौर सहित अन्य कई बैंड बाजे और भव्य आतिश बाजी के साथ भव्य पांडाल में बारात का भव्य तरीक़े से स्वागत सत्कार किया गया। किसी आदिवासी बालिका की इस भव्य शादी को लेकर आसपास के कई गावों में कौतूहल का माहौल हैं।
जसेला गाँव में हुई इस अनूठी शादी में बाँसवाड़ा डूंगरपुर के सांसद कनकमल कटारा, डूंगरपुर की जिला प्रमुख सूर्या अहारी, पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा, डूंगरपुर नगरपरिषद के पूर्व अध्यक्ष के के गुप्ता, सागवाडा के पूर्व विधायक लाल शंकर डिंडोर,गलियाकोट के प्रधान जयप्रकाश पारगी, उपप्रधान कमला डिंडोर, जाने माने जनसम्पर्क विशेषज्ञ गोपेंद्र नाथ भट्ट, डाँग के घनश्याम भाई पटेल,चिकित्साविज्ञ डॉ. स्मिता जोशी, डॉ केतन जोशी, डॉ शुक्ला रावल, योग विशेषज्ञ चंद्रा मलिक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी एवं सम्मानित विशिष्टजन और हज़ारों की संख्या में लोग मौजूद थे।
कन्यादान के बाद अशोक भट्ट ने बेटी संगीता से एक वचन लिया कि वह हर रक्षाबंधन के अवसर पर अपने ग़ांव के भाइयों को राखी बांधने आए। साथ ही दूल्हे के पिता अर्जुनलाल कटारा सहित अन्य रिश्तेदारों से बात कर बेटी संगीता का ध्यान रखने का आग्रह किया।
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