डूंगरपुर : खड़गदा में बीती रात को वन विहार वाटिका में सामाजिक समरसता को लेकर काव्यपाठ हुआ। मंच संचालक कवि विपुल विद्रोही ने श्रोताओं को खुब हसाया। उन्होंने कहां वर्तमान में लोगों को जागरूक करने की नहीं जागरण की आवश्यकता है। काव्य पाठ में वागड़ सहित देश प्रदेश की राजनीति पर व्यंग्य किया गया। काव्य पाठ में वागड़ के गौरव से लेकर भगवान श्री राम की महिमा का गान किया गया।"सारी दुनिया के बस एक सरकार है... राम", राम तो बसे हैं सदा निशाद के बसेरों में..., इस दौरान प्रेम पर भी कविता पढ़ी गई "जिसका जितना दर्द अधिक है वो उतना मीठा गाता है.., मुझे मोहब्बत की व्याकरण पता नहीं...लद्दाख में शहीद हुए सैनिकों की याद में काव्य पाठ कर श्रद्धांजलि दी गई। हल्दी घाटी, महाराणा प्रताप और राजस्थान के शौर्य पर गान किया गया। रीट परीक्षा को लेकर व्यंग्य करते हुए "क्या कहें कैसी ये रीट है, जो पढे ना वहीं हीट है, रद्द हो गई ये रीपीट है"... प्रस्तुत किया। इसके अलावा देश में बढ़ रही महंगाई पर भी चिंता व्यक्त किया। भगवान राम की महिमा का गान करते हुए वही अयोध्या के नाथ है और वहीं ये श्रृष्टि चला रहे हैं... गीत प्रस्तुत किया। अंत में वरिष्ठ कवि हरिश आचार्य ने पानी हिंदी और वागड़ी की कविताओं के माध्य से समा बांध दिया। इस दौरान रविन्द्र दी पंड्या को श्रद्धांजलि देते हुए मौन रखा गया। स्वागत रामकथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री ने किया।
कार्यक्रम में संतों का सम्मान किया गया। क्षीरेश्वर धाम के महंत हरगोविंद पुरी, कथावाचक प्रदीप शास्त्री, सांसद कनकमल कटारा, एडीएम राजीव द्विवेदी, एसडीएम विजेश पंड्या, जिला प्रमुख सूर्या अहारी, प्रधान जय प्रकाश पारगी, पूर्व विधायक अनिता कटारा, हरिश पाटीदार, यशवन्त पंड्या मौजूद थे। कार्यक्रम में विभिन्न जाति समाजों से जुड़ी बालिकाओं का भी सम्मान किया गया। संचालन उमाकांत व्यास, औदिच्य समाज के अध्यक्ष निरज जोशी और डा. रमेश भट्ट ने किया।
राष्ट्र चेतना और वागड़ के समसामयिक विषयों पर विपुल विद्रोही, हरिश आचार्य, विपीन वत्सल, तारकेश दवे, हार्दिक हिन्दूस्तानी, मयूर पंवार, रोहिणी पंड्या, दीपेश पालीवाल, राम पंचाल भारतीय, प्रकृति पंड्या, मेहुल चौबीसा, सुर्यकरण सोनी सरोज, राजेश पंड्या और भुवनेश भारत काव्यपाठ किया।
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