बांसवाड़ा : दक्षिण कोरिया के ग्वांगझू में आयोजित विश्व तीरंदाजी प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय टीम के कोच धनेश्वर मईड़ा का सपना फाउंडेशन रक्तवीरो द्वारा स्वागत सत्कार किया गया एवं साथ ही रक्तदान के बारे में चर्चा की गई। गौरतलब है कि धनेश्वर मईड़ा बाँसवाड़ा के कुशलगढ़ क्षेत्र से आते है व अपने बेहतरीन प्रदर्शन से आज वे अंतरराष्ट्रीय टीम के बतौर कोच अपनी सेवाएं दे रहे है।
कोच धनेश्वर मईड़ा ने बताया कि धीरे धीरे हमारा वागड क्षेत्र सेवा, शिक्षा, खेल में हर जगह आगे आ रहा है साथ ही युवाओं द्वारा जिस तरह ग्रामीण क्षेत्रों में रक्तदान हेतु जो जनजागरण का अभियान चलाया जा रहा है वो सराहनीय हैं। मईड़ा ने अपने अनुभव बताते हुए कहा कि बेहद कम उम्र में उन्होंने शिक्षा हेतु घर छोड़ दिया, फिर तीरंदाजी में रुचि होने पर लगातार मेहनत करी और आज इस मुकाम तक पहुँचे। लगातार किये गए प्रयासों से सफलता एक दिन अवश्य मिलती है।
उन्होंने बताया कि 12 वर्ष पूर्व बाँसवाड़ा हॉस्पिटल में परिवार के एक सदस्य को रक्त की आवश्यकता होने पर बहुत सी समस्याओ का सामना करना पड़ा था, तब स्वयं ने रक्तदान कर रक्त की जरूरत को पूरा किया था।
भविष्य में रक्तदान को लेकर करेंगे बड़े अभियान की शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कोच ने बताया कि मानवता के हित मे आमजन की परेशानियों को दूर करने वाला यह रक्तदान हर घर तक पहुँचे ये जरूरी है। अतः वे इसे हर घर तक पहुँचाने के लिए व साथ ही पेरिस दौरे से लौटने के बाद स्वयं रक्तदान कर लोगों को मोटिवेट करेंगे और आमजन से आग्रह करेंगे कि वे रक्तदान हेतु आगे आये जिससे ब्लड़ बैंक में रक्त की कमी न हो।
वागड़ में हर क्षेत्र में है उभरती प्रतिभाएं बस निखारने की जरूरत
वागड़ वर्तमान समय मे हर एक क्षेत्र में अपना वर्चस्व क़ायम कर रहा है। नई आने वाली युवा पीढ़ी सेवा को आत्मसात करते हुए कुछ नया करना चाहती है जिसे सही दिशा के साथ आगे बढ़ाने की जरूरत की जरूरत है।
इसे भी पढ़ें : 65 रक्तवीरो ने रक्तदान कर मनाई बाबा साहब की 131 वी जयंती
एक टिप्पणी भेजें