खड़गदा की वन विहार वाटिका में वागड़ के कवि करेंगे काव्य पाठ

सामाजिक समरसता कामय रखना राज पीठ से पहले धर्म पीठ का काम - कमलेश भाई शास्त्री
डूंगरपुर : खड़गदा गांव में 28 मई की रात को वन विहार वाटिका में कवि सम्मेलन होगा। इसे लेकर रामकथा वाचक कमलेश भाई शास्त्री ने शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में बताया कि यह कवि सम्मेलन कम और सात्विक और शुद्ध अनुष्ठान होने जा रहा है। इस कवि सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य वागड़ की सामाजिक समरसता है। इसलिए सर्व समाज की ओर से यह आयोजन होने जा रहा है।
शास्त्री ने कहा कि हमारी सनातनी परम्परा का जो तानाबाना बना हुआ है उसे वागड़ क्षेत्र में अक्षुण्ण बनाए रखना जरूरी है। आज जो सनातनी परंपरा में बिखराव का प्रयास किया जा रहा है उसे रोकने के लिये समय समय पर धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रम कर रोकने का प्रयास किया जा रहा है। सामाजिक समरसता कामय रखना राज पीठ से पहले धर्म पीठ का काम है। शास्त्री ने कहां कि वागड़ के कवि यहां की संस्कृति, कला, संस्कार और सभ्यता से वाकिफ हैं। ऐसे में वो अपने शब्दों के माध्यम से यहां की विषमताओं को समता में बदलने का काम करेंगे। खड़गदा गांव ऐसे कार्यों के लिये सिर्फ निमित्त है लेकिन यह कार्य सबके सुख के भाव को लेकर किया जा रहा है। इस आयोजन में वागड़ में कला के धनी सभी लोगों को निमंत्रण है। मेरी रामकथा के माध्यम से भी विभक्त समाज को एक करने का काम किया जा रहा। इस दौरान यशवन्त पंड्या, औदिच्च समाज के अध्यक्ष नीरज जोशी और लक्ष्मीकांत सुथार मौजूद थे।

यह करेंगे काव्य पाठ
खड़गदा गांव में गलियाकोट मार्ग स्थित वन विहार वाटिका में होगा। राष्ट्र चेतना और वागड़ के समसामयिक विषयों पर काव्य पाठ होगा। जिसमें विपुल विद्रोही, हरिश आचार्य, विपीन वत्सल, तारकेश दवे, हार्दिक हिन्दूस्तानी, मयूर पंवार, रोहिणी पंड्या, दीपेश पालीवाल, राम पंचाल भारतीय, प्रकृति पंड्या, मेहुल चौबीसा, सुर्यकरण सोनी सरोज, राजेश पंड्या और भुवनेश भारत काव्यपाठ करेंगे।

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