डूंगरपुर : वरदा स्थित काली कल्याण धाम में शेषावतार लोकदेवता 1008 श्री लोकदेवता कल्लाजी राठौड़ एवं ब्रह्मलीन महंत भीमसिंह चौहान के मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के तहत गुरुवार 2 जून को राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।
महंत कुलदीप सिंह चौहान एवं महंत चंद्रदीप सिंह चौहान ने बताया की सम्मेलन में हास्य व्यंग्य के कवि छत्रपाल शिवाजी गोवाड़ी, ओजस्वी कवि सुरेश बम शाजापुर, हास्य गीत व पैरोडी कार भरत पंड्या उज्जैन, हास्य कवि असीम शुक्ला इंदौर एवं पंडित मयंक मीत सागवाड़ा ने काव्य पाठ किया।कवि सम्मेलन की शुरुआत पंडित मयंक मीत सागवाडा की सरस्वती वंदना से हुई। छत्रपाल शिवाजी गोवाडी ने हास्य व्यंग्य की हिन्दी वागड़ी कविताओं के साथ ही "कल्लाजी की कला और कीर्ति अपार है, कलयुगी काल हर कल्ला कलाकार है" सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। ओजस्वी कवि सुरेश बम शाजापुर ने "भारत की माटी का जग में दूजा तोड़ नही, हमसे आंख मिलाएं चाइना कोई तोड़ नही" सहित अपनी अन्य ऊर्जावान कविताओं का पाठकर पूरे पांडाल को राष्ट्र रंग से सराबोर कर दिया। भरत पंड्या उज्जैन हास्य पैरोडीकार ने "आप बुलाए चले हम आए" हास्य पैरोडी सहित गीत, गजल, छंद सुनाएं। उनकी प्रसिद्ध रचना "आज की रात कुछ ऐसी हो बात कि कानों में मिश्री सी घुल जाए। ऐसा लगा इस धाम में आकर कृष्ण के धाम सुदामा जी आएं।" पर खूब दाद मिली। हास्य कवि असीम शुक्ला इंदौर ने अपने जुमलों से खूब ठहाके लगवाएं। साथ ही "फिर किसी दानव के छल में तुम नहीं फसोगे, हाथो में धर्म ध्वजा लबों पर प्रभु का नाम होगा। उन्ही माता पिता के चरणों में फिर तुम्हारा चारों धाम होगा" कविता से आयोजन को गरिमा प्रदान की। वागड़ी हास्य कवि पंडित मयंक मीत सागवाड़ा ने "फुहडता को फैशन कहते आज के छोरा छोरीया" गीत सुनाकर आधुनिक सभ्यता पर व्यंग्य किया।
इससे पूर्व काली कल्याण धाम में सुंदरपाठ का आयोजन किया गया, साथ ही कवि सम्मेलन में उपस्थित अतिथियों एवं कवियों का महंत कुलदीप सिंह चौहान एवं महंत चंद्रदीप सिंह चौहान द्वारा स्वागत किया गया।
कवि सम्मेलन का संचालन छत्रपाल शिवाजी गोवाडी ने किया। इस अवसर पर दिलीप दवे, एकता समाचार हेड राजू भाई बर्तन वाला, बलवीर सिंह चौहान, प्रहलाद सिंह, प्रकाश भाई, भुवनेश शावडे, महिपाल सिंह, राजेश पंड्या, जगदीश भाई आदि ने सक्रिय भूमिका निभाई। कवि सम्मेलन में वरदा, टामटिया, ओबरी, आंतरी आदि गांवों के श्रोता एवं गुजरात, मेवाड़, मालवा, महाराष्ट्र के भक्तगण भी उपस्थित रहे।
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